वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ अर्थ सहित जानिए गणेश जी के 5 महामंत्र
श्री गणेश मंत्र – वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ. The shloka “वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥” is a widely recited prayer…
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